Radha Krishna prem kavita (राधा कृष्णा प्रेम कविता)
ईश्क के रंग की जब लगन हो गई,
ज़िन्दगी मानो ज्यों आचमन हो गई,
प्रेममय हो गई राधिका ज़िंदगी,
कृष्ण के प्रेम में जब मगन हो गई।

"Ishq ke rang ki jab lagan ho gai, zindgi mano jyon aachman ho gai, premmay ho gai radhika zindgi, krishna ke prem me jab magann ho gai"
राधा कृष्ण का अमर प्रेम कविता | RADHA KRISHNA KA AMAR PREM KAVITA
ईश्क के नाम जब जिंदगानी हुई,
समर्पण की एक नई कहानी हुई,
राधा का नाम जग में अमर हो गया
कृष्ण के प्रेम में जब दीवानी हुई।

"ishq ke naam jab jindagaani hui, samarpan ki ek nayi kahani hui, radha ka naam jag mein amar ho gaya krishna ke prem mein jab diwanei hui."
कान्हा का प्रेम शायरी | KANHA KA PREM SAYARI
गम के बादल उसी रोज छँट जाएंगे,
एक दूजे में जब हम सिमट जाएंगे,
राधिका जब भी पनघट से आवाज दे,
कान्हा उस रोज यमुना के तट जाएंगे।

"gam ke baadal usi roj chhant jaenge, ek dooje mein jab ham simat jaenge, radhika jab bhi panaghat se aawaj de, kaanha us roj yamuna ke tat jaenge."
राधा की पीड़ा कविता | RADHA KI PEEDA KAVITA
तुम्हारे प्यार की आँधी को मैं घर दे नही पाया,
तुम्हारा हक मुझी पर था मैं पर दे नही पाया,
भले ही था आकर्षण कृष्ण की बांसुरी में
मगर राधा की पीड़ा को कभी स्वर दे नही पाया।
"tumhare pyar ki andhi ko main ghar de nahi paya, tumhara hak mujhee par tha main par de nahi paya, bhale he tha akarshan krishna ki baansuri mein magar radha ki peeda ko kabhi swar de nahi paya."
RADHIKA MOHAN LOVE POETRY | राधिका मोहन प्रेम प्रेम कविता
उल्फत में हम भी संवरना चाहते हैं,
किसी के इश्क में जीना मरना चाहते हैं,
थाम लो तुम हमें राधिका की तरह,
हम भी भव् सागर से उबरना चाहते हैं

" ulphat mein ham bhi sanwarna chahate hain, kisi ke ishq mein jeena marna chahate hain, thaam lo tum hamen radhika ki tarah, ham bhi bhav saagar se ubarna chahate hain. "
राधा बड़ी या कृष्ण | RADHA BADI YA KRISHNA
धुन प्यारी थी मुरली की या प्यारी राधा की मुस्कान,
कृष्णा पे सब जान छिड़कते कृष्ण छिडके राधा पर जान

" DHUN PYARI THI MURLI KI YA PYARI RADHA KI MUSKAN, KRISHNA PE SAB JAAN CHHIDKTE KRISHNA CHHIDKE RADHA PAR JAAN "
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पियुष पराशर
दादा :-प्रसिद्ध कवि स्व0 गोबर गणेश
ग्राम :-करहिया गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश
शिक्षा :- डिप्लोमा ( आधुनिक कार्यालय प्रबंधन एवं सचिवीय पद्धति), स्नातक (इतिहास), स्नातकोत्तर (हिंदी)
भारतीय सशस्त्र सेनाओं में कार्यरत्त, नियमित लेखन, मंचीय कवि, 5 साझा संकलन, अनेकों सम्मेलनों का संचालन, विशिष्ट गीतकार, यू ट्यूब पर कई गीतों एवं नाटकों के लिए स्वतंत्र लेखन।